Thursday, December 25, 2008

.................... हैप्पी क्रिसमस टू यू ..........

इन दिनों क्रिसमस की काफ़ी धूम है। कई दिनों से क्रिसमस की तैयारीयां भी ज़ोर- शोर से की जा रही है और अब क्रिसमस की शुभ घड़ी भी आ गई है। वो लम्हां जब पूरा देश क्रिसमस के जश्न में सराबोर होगा। हर जगह लाल रंग में रंगा सेंटाक्लाॅस बच्चों को तोहफे बांटेगा। हर गली में बच्चे झिंगल गाने के साथ ही अपने प्यारे सेंटा को पुकार रहे है... पर न जाने क्यों अचानक एक ख़्याल मन में बड़ी तेजी से कौंधा की क्या ...सेंटा की मंजिल सिफॻ बड़े घरों की ओर ही होती है या फिर उसका कोई रास्ता चाहे हलका सा ही क्यों न हो पर गरीब बस्तीयों से भी होकर गुज़रता है। अमूमन उनका रास्ता उन गंदी बदबूदार गलीयों से होकर नहीं गुज़रता । शायद उन बच्चों के लिए सेंटा के मायने कुछ और ही है। उनके लिए तो उनके पिता ही हर रोज़ सेटा बनकर आते है। दो वक्त की रोटी नसीब हो जाये तो उसी में उनकी जश्न समझीये। ये संसार अपवादों से भरा हुआ है। इसलिये ये ज़रुरी नहीं की ये बात हर सेंटा पर खरी उतरती हो...क्योंकी ....आखिर ये त्यौहार ख़ुशीयां बाटने और मनाने का है। अच्छा हो की इन खुशीयों में हम उन्हे भी शुमार करे जिनको इनकी सबसे ज्यादा जरुरत है। ये त्यौहार प्रभु ईशु से दुआऐ मांगने का भी है । देश भर के गिरजाघरों में भी दुआऐ मांगी जा रही हैं। आइये हम भी दुआ करे की इस देश में अमन और सुकुन सदा क़ायम रहे और आपसी त्यौहारों को हम सब यू ही एक साथ मनाते रहे... ............. आप सभी को क्रिसमस की बधाईयां..............

1 comment:

हें प्रभु यह तेरापंथ said...

हम एक ओर क्रिसमस मनाने की तैयारी मे जुटे है। देश और दुनियॉ बडते क्राईम बैरोजगारी, आतकवाद वैश्विक आर्थिक मन्दी एवम कर्ज से जुझ रहा है। लोगो मे चर्चा का मुद्दा है गिरते हुऐ नैतिक मुल्य का। बहुत से लोगो का कहना है हम कैसे मनाये क्रिसमस को जबकि हमारे घरेलु आर्थिक स्थिति एवम सामाजिक स्थिति चरमराई हुई है। क्या क्रिसमस मनाने से मेरे घर कि स्थिति ठिक हो जायेगी ? बहुत सारे घरो मे क्रिसमस का एक समय का भोजन भी नसीब नही होगा। कई माता पिता अपने बच्चो को वो तोहफे भी नही दे पायेगे जो वो देना चाहते थे। यह ऐसा क्यू ? वो इसलिये कि जो समाज हमारी सन्सकृति कि ‍रक्षा करता था, लोगो का उस समाजिक व्यवस्था पर से भरोसा उठ गया है।
हमारे विश्वास को कई बार चुनोति दी गई .
आतकियो कि दशहतगिरी, एवम सत्ता मे बैठे लोगो कि कारगुजारियो ने सभी त्योहारो को एवम उसकी महत्ता को फिका करने कोशिस रग लाती नजर आती है। क्यो कि लोगो के समुह से बना समाज और शासक लोगो के प्रति अपने दायत्व को खुटी मे लट्का दिया है।

सम्भवत अब लोगो के लिये आम जिवन मे हिसा, आतक, गरीबी, लुटपाट, बलात्कार, मामुली घटना बन कर रह गई है। क्या समाज मे शान्ति को फिर से स्थापिथ क्या जा सकता है ? हमे सरलता एवम सहजता से अपने विचारो को जिसस क्राईस्ट के सन्देश के साथ मिलाना होगा।
Jesus said, “Peace I leave with you, my peace I give unto you: not as the world giveth, give I unto you. Let not your heart be troubled, neither let it be afraid.” (John 14:27)

क्रिसमस का त्योहार हमे हमारी तकलिफो को सहन करने कि शक्ति को ओर प्रभावि बनाता है। हमसे ज्यादा गरीब लोगो कि मदद करते हुए हम क्रिस्मस कि सच्ची भावना को मह्सुस कर सकते है। इसीलिये क्रिस्मस को मनाते हुए, हम अपने मित्रो और आस-पडोस के लोगो को याद करते है जिन्हे हमारि मदद कि बहुत जरुरत है। हमे ईसु कि स्थापित की हुइ शान्ति एवम अच्छाई को समाज देश दुनिया मे, हमारे लोगो के बीच लेकर जाना चाहिये

और इसके लिये क्रिस्मस से अच्छा मौका नही मिलेगा।
अगर हम सभी ऐसा करते है तो हम 2009 मै कई चिजो मे बदलाव देखेगे, एक बद्लाव जो लोगो मे विश्वास लायेग, शान्ती लायेगा, समाज देश और दुनियॉ मे एकता लायेगा। और यह एक ऐसा बदलाव होगा कि इस दुनियॉ का अच्छा करेगा । एक ऐसा बदलाव जिसमे आपस मे भरोसा बनेगा। कही कोई डर नही रहेगा। भयमुक्त समाज कि सरचना हो पायेगी। लोग प्यार मोहब्बत से सभी धर्मो के त्योहारो को मनायेगे। सभी के घर मे चुल्हा जलेगा। तभी किसी महान पुरुष कि याद मे मनाये जाने वाले त्योहारो कि सार्थकता बनी रह सकती है।

ससार मे सभी को मेरे और मेरे परिवार कि ओर से हेपी Christmas।

आप सभी के लिये क्रिस्समस का यह त्योहार खुब खुसियॉ आपस मे प्यार, अच्छे स्वास्थय एवम मगलमय जीवन प्रधान करे यही मेरी कामना प्रभु से है।।
HEY PRABHU YEH TERA PATH




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